The Basic Principles Of sidh kunjika
The Basic Principles Of sidh kunjika
Blog Article
नमः कैटभहारिण्यै नमस्ते महिषार्दिनि ॥ ६ ॥
श्री अन्नपूर्णा अष्टोत्तरशत नाम्स्तोत्रम्
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति द्वितीयोऽध्यायः
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति चतुर्थोऽध्यायः
ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति एकादशोऽध्यायः
मारणं मोहनं वश्यं स्तंभनोच्चाटनादिकम् ।
न कवचं नार्गला-स्तोत्रं, कीलकं न रहस्यकम्।
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति द्वितीयोऽध्यायः
धां धीं धू धूर्जटे: पत्नी वां वीं वूं वागधीश्वरी।
श्री महिषासुर मर्दिनी स्तोत्रम् (अयिगिरि नंदिनि)
श्री प्रत्यंगिर अष्टोत्तर शत नामावलि
इसके लिए मां दुर्गा के समक्ष घी का दीपक जलाएं. इसे देवी की here तस्वीर के दाईं तरफ रखें.
ग्रहों के अशुभ प्रभाव खत्म हो जाते हैं. धन लाभ, विद्या अर्जन, शत्रु पर विजय, नौकरी में पदोन्नति, अच्छी सेहत, कर्ज से मुक्ति, यश-बल में बढ़ोत्तरी की इच्छा पूर्ण होती है.